हिन्दू-मुस्लिम हिन्दू मुस्लिम यह नाम मे अक्सर बचपन से सुनता आ रहा हु उसकी कुछ वजह भी है पहली वजह मेरा जन्म ख़ुद हिन्दू धर्म मे हुवा है। हा वो बात अलग है कि उनकी हिन्दूत्व की धारणा अलग है और मेरी अलग जो मुझे अबतक पूरी तरह से स्पष्ठ नही हुवी है। दूसरी वजह है की बचपन से हमे बताया गया है हिन्दू का दुश्मन मुस्लिम होता है और अक्सर हिन्दू मुस्लिम दंगे भी होते रहते है। औऱ जिसे एच-एम कहा जाता है। उस दंगो से हानि सामान्य लोगो को ही होती है। जिसमे हिन्दू भी होते है औऱ मुस्लिम भी उनकी कुछ हानी नही होती जो हिन्दू मुस्लिम के नामपर लोगो को आपस मे लड़वाते है। उनको तो फायदा ही होता है सत्ता में आने के लिए। आज एक ऐसा दौर चल रहा है जो हमे कुछ पुराने घटनाओं की याद कर देता है। एक ऐसा दौर जिसमे रोटी की बात नही होती रोजगार शिक्षा की बात नही होती बल्कि मंदिर-मज्जिद की बात होती है। किसान-युवा-महिला अपने हक़ के लिए रास्तेपर उतर आये है। जो अपनी हक़ की बात करता है उसको देशद्रोही कहा जाता है। कोई जाती की धर्म की सम्प्रदाय की चिकित्सा करे तो उनकी हत्या कर दी जाती है। कुपोषण से बच्चे मरे जा रहे है। भिड़ इकठ्ठा होकर शख के नामपर बेगुनाह की हत्या कर रही है। सी.बी.आय अपने ही डिपार्टमेंट पर छापा मार रही है। किसान को कर्जा देने को पैसा नही है औऱ बड़े उद्योगपति को कर्जा दिया जा रहा है। इंसान की जगह पुतलो को बढ़ावा दिया जा रहा है। कुल मिलाकर एक ऐसा दौर जो ग़ुलाम भारत की याद करा देता है जो आपातकाल की याद करा देता है। वैसे में अगर में हिन्दू होकर मुस्लिम समुदाय की बात करू या फिर कोई मुस्लिम हिन्दू की बात करे तो मुजे हिन्दू विरोधी औऱ उसे मुस्लिम विरोधी कहा जा सकता है। सीधी बात हिन्दू हो तो मंदिर की बात करो मुस्लिम हो तो मज्जिद की बात करो। सबका धर्म अलग है जात अलग है लेकिन इंसान तो एक ही है। जिसको निसर्ग के बतौर बनाया गया है। जिसकी समस्या एक है जिनकी जरूरते एक है। अन्न मुस्लिम को ही चाहिए हिन्दू को भी, शिक्षा हिन्दू को भी चाहिए मुस्लिम को भी, आरोग्य की सुविधा मुस्लिम को भी नही है हिन्दू को भी, महिलाएं मुस्लिम की भी सुरक्षित नही है हिन्दू की भी, फिर भी हिन्दू अपनी कट्टरता नही छोड़ता औऱ मुस्लिम अपनी कट्टरता नही छोड़ता जिसकी वजह से जाती धर्म मे लढाई लगाने वाले लोग कट्टरता का फ़ायदा उठाकर सत्ता में आते है औऱ अन्न, वस्र, घर, रोजगार, शिक्षा, आरोग्य यह सुविधाओं को भगा ले जाता है। इस लिए अपनी समस्याओं के लिए सबको एक होकर अपने हक़ के लिए लड़ना होगा बताना होगा कि हमे मंदिर मज्जिद नही बल्कि हमारा हक़ चाहिए जो संविधान में निहित है। वो तुमसे मंदिर-मज्जिद की बात करेंगे तुम रोजगार-शिक्षा-आरोग्य पर अड़े रहना तुषार पुष्पदिप सूर्यवंशी।

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