जब देखा मेने खुदसे बाहर झुक्कर तो सब तरफ गाफील था,
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बस मे निकल पडा.
गाफील
दिल्ली_की_मेट्रो_ओऱ_गाँवो_में_बस_की_कमतरता। आज दिल्ली में दूसरा दिन ओऱ दो दिनों से कईसारी चीजो को जान रहा हु। इस दौरान कल में ओऱ मेरे साथी मेट्रो से जा रहे थे। मस्ती मजा ओऱ कई मुद्दों पर बाते भी हो रही थी उस दौरान एक साथी ने ( नाम बताने की इजाज़त नही लीया हु इस लिए नाम अज्ञात है) युही बोलते बोलते कहा कि पीछले कुछ वर्षों पहले शायद यह घोषणा हुवी थी कि महिलाओं के लिए मेट्रो से यात्रा करना मुफ़्त होगा। शायद इस में हक़ीक़त नही भी हो सकती हैं। क्योंकि उनोने भी इसके बारे में सिर्फ़ सुना था। फिर मैंने उन से कहा कि मेट्रो से यात्रा करना महिलाओं के लिए मुफ़्त हैं भी तो उसका लाभ कोनसी महिलाएं उठाएं गी? उनका वर्ग (क्लास) क्या? होगा, मेट्रो से कोन से वर्ग (क्लास) की महिलाएं यात्रा करती है? यह सारे सवाल हमारे उस भागदौड में लुफ़्त हो गए ओऱ वह साथी उसके आगे बढ़कर कहने लगी कि स्कूल कॉलेज जाने वाली लड़कियों के लिए ही सही बस में मेट्रो में आदि जगहों से यात्रा करना मुफ़्त होना चाहिए। उनका कहना सही था लेक़िन मैंने उससे आगे जाकर कहा कि यह आपका तो सही है। लेक़िन ऐसी कई जगह है कई समुदाय है कई जातियां है कई गांव है जहाँ ...
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