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प्रशासन के मनमानियों से शक्तितक मनमानियों से जी नही भरता तब प्रशासन अपनी शक्ति दिखाती है वह भी ऐसे छात्र छात्राओ के ख़िलाफ़ जो लोकतांत्रिक चुनाव लाना चाहती है। दिनांक 8 सेप्टेंबर 2018 से लेकर आज दिनांक 12 तारीख तक महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के लोकतंत्रपर चलने वाले छात्र करीब साथ दिन से धरना कर रहे है। फिर भी प्रशासन अबतक उनसे बात नही कर रही है। आंदोलनकारीओ को बुलाकर छात्रसंघ बहाल नही कर रही है। आखिर ऐसी क्या बात है जो प्रशासन छात्रसंघ को बहाल करना नही चाहती क्यो डरती है आखिर छात्र संघ से प्रशासन। और छात्रसंघ होता किस लिए है जबभी प्रशासन के मन से प्रतिनिधि चुनकर जाता है तब ओ प्रशासन का प्रतिनिधि होता है। छात्र छात्राओं का नही फिर छात्र छात्राओं के हक्क के लिए उनकी बातों को रखने के लिए दिक्कत होती है। तब जरूरत होती है छात्रसंघ की। जिसका काम होता है छात्र छात्राओं की समस्या को समजना। उनको प्रशासन के सामने रखना और उसको लागू करवाना। और वह काम तब होता है जब किसी विश्वविद्यालय का प्रतिनिधि छात्र छात्राओ के चुनाव से चुनकर जाता है। इस सारी प्रक्रिया को लागू करने के लिए कई छा